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बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने ₹2850 करोड़ के निवेश से पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) प्लांट स्थापना के लिए यूपी सरकार से किया करार l

लखनऊ ll सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड से लखीमपुर खीरी की कुंभी चीनी मिल में 250 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता का पॉलीलैक्टिक एसिड (पीएलए) प्लांट स्थापित करने के लिए मुम्बई में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया हैं। इस समझौते में ₹2,850 करोड़ का महत्वपूर्ण निवेश शामिल है और इससे प्रदेश में 225 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और बलरामपुर चीनी मिल्स के चेयरमैन की उपस्थिति में हुआ करार

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह और बलरामपुर चीनी मिल्स के चेयरमैन श्विवेक सरोगी की उपस्थिति में इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरन आनंद, तथा बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरोगी के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। इस प्लांट में परिचालन इसी माह में शुरू होने की संभावना है, जो औद्योगिक नवाचार एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करती है।

यह MoU हरित प्रौद्योगिकी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है- मुख्य सचिव

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह ने राज्य की सतत औद्योगिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा,“उत्तर प्रदेश सतत औद्योगिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बलरामपुर चीनी मिल्स द्वारा किया गया यह महत्वपूर्ण निवेश न केवल हरित प्रौद्योगिकी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है, बल्कि भारत के पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की स्थिति को भी सुदृढ़ करता है।”

इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विजय किरण आनंद ने इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में स्थापित किया जाएगा और सतत औद्योगिक विकास के माध्यम से एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।

बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, विवेक सरावगी ने राज्य सरकार के साथ मिलकर किए जा रहे इन प्रयासों पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य बायोप्लास्टिक के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना और एक हरित भविष्य के निर्माण में योगदान देना है।”

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