
PTG NEWS| केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “हैदराबाद विलय दिवस” की 74 वीं वर्षगांठ पर बलिदानी सत्याग्रहियों को आर्य समाज कबीर बस्ती पुरानी सब्जी मंडी दिल्ली में यज्ञ कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।उल्लेखनीय है कि आर्य समाज के आंदोलन के कारण मजबूर होकर 17 सितम्बर 1948 को हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय स्वीकार किया था।
आर्य समाज के अन्तर्राष्ट्रीय नेता स्वामी आर्य वेश ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज का सर्वाधिक योगदान रहा।निजाम ने आर्य समाज पर कई प्रतिबंध भी लगाये मन्दिरों में घंटी बजाने,ओम ध्वज लगाने और हवन करने पर भी प्रतिबंध लगाये लेकिन आर्य समाज के लंबे चले सत्याग्रह के आगे उन्हें झुकना पड़ा।कांग्रेस सरकार ने आर्य सत्याग्रहियों को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया व पेंशन भी लागू की।अंग्रेजी सरकार की नजर में उस समय आर्य समाजी होना विद्रोही माना जाता था आज उन बलिदानों को स्मरण करने का दिन है। उस सत्याग्रह में 12000 आर्यों ने जेल भरी।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि यह स्वतंत्रता ऐसे ही नहीं मिल गई इसके लिए वीरों ने अपने बलिदान दिए हैं आज उन बलिदानियों को स्मरण करके राष्ट्रीय अखंडता को अक्षुण रखने का संकल्प लेना होगा।आर्य समाज राष्ट्र जागरण का देश भर में अभियान चलाएगा। आर्य पुरोहित सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रेमपाल शास्त्री ने कहा कि आज वीरो के त्याग बलिदान से नई पीढ़ी को अवगत कराना चाहिए जिससे वह आजादी के महत्व को समझे। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य महेन्द्र भाई ने श्रद्धांजलि यज्ञ से किया। भजनौपदेशक प्रवीण आर्य पिंकी, कुसुम भण्डारी,प्रतिभा सपड़ा, प्रवीण आर्य,(गाजियाबाद), सोनिया संजू आदि ने ओजस्वी गीत प्रस्तुत किये। उत्तरी दिल्ली वेद प्रचार के मण्डल के अध्यक्ष ओम सपड़ा ने कहा कि आर्य समाज का पुस्तकों के लेखन एवं बोलने का
कार्य अनवरत जारी है। वैदिक विद्वान आचार्य गवेन्द्र शास्त्री,गोपाल आर्य,पूर्व पार्षद गुड्डी देवी जाटव,रामचन्द्र आर्य (सोनीपत) ने भी अपने विचार रखे। प्रमुख रूप से यशोवीर आर्य,डा वरुणेद्र कथूरिया,देवेन्द्र भगत, रामकुमार आर्य, देवेन्द्र गुप्ता, नेत्रपाल आर्य,सुनील खुराना, सुदेश भगत,रामचन्द्र सिंह, कैप्टन अशोक गुलाटी,राधा भारद्वाज, सुशील बाली,प्रेम चन्द शास्त्री,वेद प्रकाश आर्य,के के सेठी,संजीव आर्य,महावीरसिंह आर्य,अरुण आर्य,वरुण आर्य,अंकुर आर्य आदि उपस्थित थेI