AAP Maha Rally In Ramlila Maidan: दिल्ली की जनता ने महारैली में शामिल होकर केंद्र को सख्त संदेश दे दिया है कि पीएम मोदी गुंडागर्दी और तानशाही वाले अध्यादेश से उनके अधिकार छीनने का दुःसाहस ना करें.
Delhi News: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर अध्यादेश लागू हुए 25 दिन हो गए, लेकिन इसको लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जारी सियासी टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली के रामलीला मैदान में आप की महारैली के बाद एक बार फिर आप की ओर से ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर केंद्र सरकार से कहा गया है कि वो दिल्ली को संविधान से मिले अधिकार को छीनने की कोशिश न करे.
आप के ट्वीट में कहा गया है कि दिल्ली की जनता ने रामलीला मैदान की महारैली में शामिल होकर केंद्र को सख्त संदेश दे दिया है कि मोदी गुंडागर्दी और तानशाही वाले अध्यादेश से उनके अधिकार छीनने का दुःसाहस ना करें. वरना जनता ऐसा सबक सिखाएगी, जिसे चौथी पास राजा जिंदगी भर याद रखेंगे.
रामलीला मैदान में डेथ वारंट लेकर आई थी जनता
वीडियो के जरिए आप ने केंद्र और बीजेपी को आगाह करते हुए कहा कि 11 जून को रामलीला मैदान में लाखों की भीड़ मोदी के काले अध्यादेश का डेथ वारंट लेकर आई थी. सीसम अरविंद केजरीवाल को सुनने आए जन सैलाब ने साबित कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो लोकतंत्र को बचाकर रहेगी. भारत एक लोकतंत्र है. लोकतंत्र में नेता नहीं, सत्ता देश की मालिक होती है. जिसे चाहे जनता सत्ता में लाए, जिसे चाहे सत्ता से बाहर कर दे. मगर मोदी जी को लोकतंत्र की ये मामूली सी परिभाषा समझ में नहीं आती. उनके लिए जनता के वोट की कोई कीमत नही. उन्होंने काला अध्यादेश लाकर दिल्ली में चुनी सरकार के ऊपर एलजी को सारी ताकत दे दी. अगर एलजी को ही सारी ताकत देनी थी तो दिल्ली में चुनाव कराने का क्या मतलब, दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाने का क्या मतलब?
वहीं, आप की ओर से महारैली से संबंधित ट्विटर पर साझा एक वीडियो में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि 75 साल के भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री आया है जो कहता है मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता. बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा है इस देश के अंदर जनतंत्र होगा. जनता सुप्रीम होगी, लेकिन पीएम मोदी ने संविधान के परखच्चे उड़ा दिए. उन्होंने संविधान बदल दिया. पीएम कहते हैं दिल्ली में जनता नहीं, एलजी सुप्रीम होगा.